Work : 3.5 Kms Bhopa Road, Muzaffar Nagar -251001 Customer Care No : 0131- 2607652 Email : spl9009@gmail.com |
||||
|
कैलान
उपयोग - फेनवलरेट 0.4% डी. पी. कपास में होने वाले कीट जैसे चित्तीदार डोड़े की सूंडी, गुलाबी डोडे की सूंडी की रोकथाम के लियें 8 कि ग्रा. से 10 कि ग्रा पाउडर का प्रति एकड़ में छिडकाव करें । फेनवलरेट 20% ई़ सी. का उपयोग कपास, ओकरा, फूलगोभी, बैगन आदि फसलों पर लगने वाले कीटों जैसे डोडे की सूंडी, माहूँ, तेला, भुंगा, चूरदा, तना व फल छेदक, हीरे की पीठ वाला कीड़ा आदि से रोकथाम के लिये दवा की 50 मि ली. से 200 मि लीकी मात्रा फसलानुसार 100 ली. से 360 ली. पानी में घोलकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें । पैकिंग - 0.4% डी. पी. 500 ग्राम व 1 कि ग्रा. के पाउच में तथा 20% ई़ सी. 100 मि ली, 250 मि ली, 500 मि ली, 1 ली व 5 ली पर्लपैट की बोतलों में । उपयोग - इसकों धान, कपास, चना, गन्ना, मूँगफली, पत्ता गोभी, तम्बाकू आदि की फसल पर भूमिगत तथा पौधें के ऊपर लगनें वाले कीटों जैसे कर्कश रोमिल, तना व फली छेदक, काला मत्कुण, डोडे की सूंडी, कजरा, चमकीली पीठ का पतंगा, जमीन की भ्रंग, जडकी लट से रोकथाम में लाया जाता है। 20% दवा की 100 मि ली से 250 मि ली मात्रा कों 300 ली 500 ली पानी में मिलाकर प्रति एकड में स्प्रे करें । इसकों घरेलू कीटों के नियन्त्राक के रुप में किया जाता है । जैसे मकडी, दीमक, काकरोच, मच्छर व पशु कीट आदि । मकान, इमारत, लकड़ी के फर्नीचर में दीमकों पर इसका प्रभावशाली नियन्त्राण है । (अधिक जानकारी के लियें सम्पर्क करें) । 50% दवा को 40 मि ली से 100 मि ली मात्रा को 300 ली से 500 ली पानी में घोलकर प्रति एकड स्प्रे करें । पैकिग - 20% ई़ सी. 100 मि ली, 250 मि ली, 500 मि ली, 1 ली व 5 ली टीन व पर्लपैट 10 ली व 20 ली एम़ एस ड्रम में । 50% ई़ सी 500 मि ली व 1 ली पलपैट बोतल में । उपयोग - इसकों कपास, धान, मिर्च, गन्ना, आम, सूरज मुखी, भिन्डी आदि फसलों पर लगने वाले कीट जैसे माहूँ, तेला, चुरदा, सफेद मक्खी, फूदके, दीमक आदि की रोकथाम के लियें 40 से 50 मि ली. दवा को 200 लीसे 280 ली. तथा दीमक के लियें 150 मि ली. दवा 750 मि ली. पानी में घोलकर प्रति एकड़ का स्प्रे करें । पैंकिग - 50 मि ली., 100 मि ली., 250 मि ली., 500 मि ली. व 1 ली प्लास्टिक बोतलों में । उपयोग - इसकों धान, मक्का, चना, अरहर, उडद, गन्ना, कपास, सरसों भिण्ड़ी बैंगन, प्याज, आम, कॉफी, इलायची आदि की फसल पर लगनें वाले कीट जैसे फूदका, तना व फली छेदक, मत्कुण, पर्णवलगी, दहिया, सूंडी, माहूँ, चुरदें, सफेद मक्खी, कुटकी आदि कीटों की रोकथाम के लियें 250 मि ली. से 500 मि ली. दवा की मात्रा कों 180 ली. से 800 ली. (फसलानुसार) पानी में घोलकर प्रति एकड़ में छिडकाव करें । पैकिंग - 100 मि ली, 250 मि ली, 500 मि ली. व 1 ली. प्लास्टिक बोतल में 5 ली., 10 ली. व 20 ली. प्लास्टिक केन में । उपयोग - इसकों चाय, कपास, तम्बाकू, कॉफी आदि में लगने वाले कीटों जैसे चुरदा, सभी रंग के घुन, माहूँ, इल्ली, हेलियोपेल्टिस आदि सें रोकथाम के लियें 200 मि ली. दवा की मात्रा कों 200 ली. से 400 ली. पानी में घोलकर चाय की पत्तियाँ तोडने के तुरन्त बाद पर्णिल फुहार विधि के साथ प्रति एकड़ में स्प्रे करें । प्रैकिग - 500 मि ली., 1 ली., 5 ली., टीन के डिब्बें व पर्लपैट में । उपयोग - इसें धान, गेहूँ, सोयाबीन, गन्ना, मुंगफली, सरसों, सूर्यमुखी, कद्दू, काजू , सेब, आदि की पसल पर लगने वाले कीटों जैसे भूरे रंग को पंतगा, कजरा, पत्ती मोडने वाला कीट, सूंडी, पत्तरकट्टी, पर्णवलगी, लाल भुआ, झाँझी, बन्द गोभी का पिल्लु, सेब छेदक आदि की रोकथाम के लियें 200 मि ली. से 500 मि ली. दवा की मात्रा कों 200 ली. से 400 ली. पानी में घोलकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें । यह दवा तुरन्त प्रभावकारी हैं जिससें कीड़ें तुरन्त मर जाते है इसकों घरेलू व जन स्वास्थ्य कार्यक्रम में भी उपयोग लाया जाता हैं । पैंकिग - 100 मि ल , 250 मि ली , 500 मि ली , 1 ली. प्लास्टिक बोतल में व 5 ली. प्लास्टिक कैन में । उपयोग - इसकों गेहूँ, चावल, कपास, अंरडी, सरसों, आलू, कॉफी आदि की फसलों पर लगनें वाले कीटो जैसें पोगा गार्ड, माहूँ, फूदका, कर्कश रोमिल, गोभ की सूंडी, कटूआ, अर्द कुन्डलक, बिहारी बालदार सूंडी, हरा मत्कुण आदि की रोकथाम के लियें 200 मि ली. से 800 मि ली. (फसलानुसार) 200 ली. से 400 ली. पानी में घोलकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें । यह अधिकतर कीटनाशकों के साथ मिलाने योग्य सिवाय क्षारीय दवाओं कें । पैकिंग - 100 मि ली., 250 मि ली., 500 मि ली., 1 ली. व 5 ली. पर्लपैट बोतल में । उपयोग - इसकी सिफारिश धान में अने वाले भूरे पौधे का फुदका, हरे पत्ते का फुदका आदि की रोकथाम के लिए किया जाता है । पैकिंग - 1 ली़. में । |
|
|||||||||||||||||||||||||||||||||